13 Year Old Boy Found Dead From Heart Problems After Second Pfizer Vaccine Shot

फाइजर के कोविड -19 वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के बाद 13 वर्षीय बच्चे की हृदय की समस्याओं के चलते मौत हो गई। कई स्वास्थ्य अधिकारियों ने बच्चों में वैक्सीन के कारण दिल की सूजन की समस्या भी बताई है।

फाइजर के दूसरे टीके के बाद मृत मिला 13 साल का लड़का

रविवार को एक ट्विटर थ्रेड वायरल हो गया जब एक महिला ने दावा किया कि उसके भाई के 13 वर्षीय बेटे की मौत हो गई। और यह मौत फाइजर के कोविड -19 वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के तीन दिन से भी कम समय के भीतर हुई।

“शुरुआती ऑटोप्सी परिणाम (शुक्रवार को किया गया) में निकला कि उसका दिल बड़ा हो गया था और उसके आसपास कुछ तरल पदार्थ था। हालाँकि इससे पहले उसे किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या नहीं थी और न ही वह किसी प्रकार की कोई दवाई ले रहा था \  Tami Burages ने ,यह सब अपने भतीजे की एक तस्वीर के साथ कोविड -19 टीकाकरण रिकॉर्ड कार्ड के साथ लिखा।

कार्ड से पता चला कि बच्चे का नाम “जैकब क्लिनिक” था और यह 2007 में पैदा हुआ था| उसने अपनी पहली खुराक के तीन सप्ताह बाद 13 जून को अपनी दूसरी खुराक प्राप्त की थी।

बुर्जेस ने कहा कि वह वैक्सीन की पुरजोर समर्थक हैं और उनका यह मानना है कि“ज्यादातर मामलो में वैक्सीन सुरक्षित भी है“| उन्होंने आगे यह भी बताया कि उन्होंने खुद उनके 14 वर्षीय बेटे को covid 19 वैक्सीन लगवाई है|

लेकिन आगे उन्होंने कहा कि उसके भतीजे की मृत्यु हो गई है और रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) को इसकी जाँच करनी चाहिए।”

” काफी सारे युवा पुरुषों में मायोकार्डिटिस के अन्य मामले भी सामने आए हैं ज्यादातर मामले उनके है जो लोग फाईज़र वैक्सीन का दूसरा डोज लगवा चुके हैं । बुर्जेस ने पूछा कि क्या  संयुक्त राज्य अमेरिका में इससे अन्य लोगों की भी मृत्यु हुई है या मेरा भतीजा सबसे पहले है?” आगे उन्होंने यह भी कहा कि “मुझे लगता है कि माता-पिता को इसके जोखिम से आगाह किया जाना चाहिए।”

बुर्जेस ने अपने ट्विटर पोस्ट में, कहा कि उनका मानना ​​​​है कि टीके लाखो जीवन की रक्षा कर रहे हैं | लेकिन वह यह नहीं चाहती कि कोई भी बच्चा बलि का बकरा बने| आगे उन्होंने लिखा कि यदि उनके भतीजे को दूसरा शॉट नहीं मिला होता, तो उन्हें विश्वास है कि वह आज जीवित होता।”

जैसा कि ग्रेटगेमइंडिया  द्वारा पहले भी रिपोर्ट किया गया है कि दिल की सूजन को, कई युवाओं में मायोकार्डिटिस के रूप में  पहचान की गई है,|और उनमें से अधिकतर बच्चे वो हैं जिन्हें फाइजर-बायोएनटेक COVID-19 वैक्सीन की खुराक मिली है।

डॉ. कोडी मीस्नर, एफडीए के टीके और संबंधित जैविक उत्पाद सलाहकार समिति के सदस्य हैं| उन्होंने इस महीने की शुरुआत में युवा लोगों पर मायोकार्डिटिस के दीर्घकालिक प्रभावों पर चिंता व्यक्त की थी| उन्होंने कहा था कि “इससे पहले कि हम लाखों किशोरों और बच्चों का टीकाकरण शुरू करें, यह पता लगाना बहुत महत्वपूर्ण है कि इसके परिणाम क्या हैं।”

हाल ही में यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) की सुरक्षा समिति ने एस्ट्राजेनेका के टीके के संभावित दुष्प्रभावों में एक और रक्त की स्थिति को जोड़ा है। एस्ट्राजेनेका के टीको को  भारत में कोविशील्ड – केशिका रिसाव सिंड्रोम के नाम से जाना जाता है|

केशिका रिसाव सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है जिसके कारण रक्त वाहिकाओं से द्रव का रिसाव होता है और यह बहुत कम रक्तचाप का कारण बन सकता है, जिससे दर्द, मिचली और थकान हो सकती है और सबसे खराब स्थिति में गुर्दे खराब और स्ट्रोक हो सकता है।

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