पुर्तगाल ने ब्रिटिश सरकार पर नेपाल के उत्परिवर्तन के मामलों के बारे में झूठ बोलने और अधिकारियों द्वारा इसे ‘एक’झूठा सुपर इंडियन वेरिएंट के रूप में चित्रित करने की कोशिश और घबराहट पैदा करने का आरोप लगाया है।’।
प्रमुख माइक्रोबायोलॉजिस्ट ‘जोआओ पाउलो गोम्स’ का कहना है कि ब्रिटिश सरकार भारत में पाए जाने वाले वायरस के प्रकार के नेपाल उत्परिवर्तन के मामलों की संख्या के बारे में ‘झूठ’ बोल रही है।
आईएनएसए से बाहर काम कर रहे – सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान डॉ. रिकार्डो जॉर्ज, प्रमुख ‘विशेषज्ञों’ में से एक और महामारी के लिए पुर्तगाली सरकार की प्रतिक्रिया में- श्री गोम्स एसआईसी टेलीविजन समाचार को बताया कि म्यूटेशन के 68 नहीं केवल 12 मामलों की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर बड़े पैमाने पर परीक्षण के माध्यम से की गई है – वैसा बिलकुल नही जैसा ग्रांट शाप्स द्वारा घोषित किया गया है।
संख्याओं के बावजूद, उत्परिवर्तन का सुझाव देने के लिए कुछ भी नहीं है और उत्परिवर्तन मूल संस्करण की तुलना में अधिक विषाणुजनित होता है।
यह ब्रिटेन द्वारा ‘राई का पहाड़’ बनाने की कोशिश करने जैसा है या फिर गोम्स के अपने शब्दों में कहें तो ‘पानी के गिलास में तूफान पैदा करने की कोशश की जा रही है’।
उन्होंने समझाया वास्तविकता यह है कि यह उत्परिवर्तन “पूरी तरह से सामान्य” है और भारत में पाए जाने वाले प्रकार का ‘उप-वंश’ ही है।
उन्होंने कहा कि वायरस वेरिएंट “विकास की एक प्रक्रिया है”। दूसरे शब्दों में, यह अभी भी भारत में पाया जाने वाला संस्करण है – ‘सुपर इंडियन वेरिएंट’ नहीं जैसा कि ब्रिटिश अधिकारियों ने अफवाह फ़ैलाने की कोशिश की है।
संदेह है कि यूके का निर्णय किसी भी परिणामी वैज्ञानिक तर्क पर आधारित नहीं है – ईज़ीजेट के सीईओ, पुर्तगाल के विदेश मामलों के मंत्री, पुर्तगाली पर्यटन परिसंघ और, स्वाभाविक रूप से स्वयं की – जो ‘जमीन पर वास्तविकता’ देखते हैं।’ और एक ऐसा देश जो धीरे-धीरे लेकिन निश्चित रूप से सामान्य रूप से लौट रहा है, जिसमें कोविड से संबंधित किसी गंभीर बीमारी के मामले बहुत कम है।
जैसा कि इससे पहले भी ग्रेटगेमइंडिया द्वारा रिपोर्ट किया गया है कि भारत ने एक महीने से भी कम समय में COVID-19 मामलों में लगभग 750% की वृद्धि देखी थी।
क्या यह जरा सा भी तार्किक था? क्या आंकड़ों में आई अचानक इतनी बड़ी उछाल को आमंत्रित करने के लिए मुंबई शहर या अन्य राज्यों ने कुछ अलग किया?
क्या मेट्रो शहरों में बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान भारत में दूसरी COVID-19 लहर का कारण बनता है? या कुछ और मामला है?
Read this article in English on GreatGameIndia.