अमेरिकी सांसदों ने एंथोनी फौसी को बर्खास्त करने के उद्देश्य से फायर फौसी अधिनियम पेश किया है| एंथोनी फौसी को COVID-19 के संबंध में गलत सूचना देने और वायरस की उत्पत्ति को छिपाने के कारण फायर फौसी अधिनियम के तहत कार्यवाही होगी| इससे फौसी का वेतन को $0 हो जायेगा और उनके पद को भरने के लिए सीनेट के मंजूरी की आवश्कता होगी।
रेप मार्जोरी टेलर ग्रीन, बिल के प्रायोजक हैं। उन्होंने कहा कि COVID-19 महामारी 2020 के दौरान जो लॉकडाउन हुआ उसके बारे में अमेरिकियों को जानने का पूरा हक़ है| और उन्हें “फायर फौसी अधिनियम” को प्रायोजित करने पर गर्व महसूस महसूस हो रहा है।
ग्रीन ने कहा कि यदि अधिनियम पारित हो जाता है, तो “फौसी का वेतन शून्य हो जाएगा” और अमेरिकी सीनेट को उनके पद के प्रतिस्थापन की पुष्टि करने की आवश्यकता होगी।
पिछले साल के उपलब्ध संघीय वेतन आंकड़ों के अनुसार, एंथोनी फौसी पूरी अमेरिकी सरकार में सबसे अधिक वेतन पाने वाले कर्मचारी थे। वास्तव में डॉ फौसी ने संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के वेतन से भी अधिक कमाई की थी।
ग्रीन ने कहा कि डॉ. फौसी को अमेरिकी लोगों द्वारा नहीं चुना गया था, उन्हें हमारी अर्थव्यवस्था का मार्गदर्शन करने के लिए नहीं चुना गया था, उन्हें माता-पिता और उनके बच्चों की शिक्षा पर शासन करने के लिए नहीं चुना गया था, लेकिन फिर भी डॉ. फौसी ने पिछले एक साल में हमारे जीवन को बहुत नियंत्रित किया”।
इस महीने की शुरुआत में, फौसी के हजारों ई-मेल सार्वजनिक हो गए थे, जिससे यह बात साफ़ हो गई थी कि वे इस बात को छुपाना चाह रहे थे कि कोरोनोवायरस चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) से लीक हुआ है।
पिछले साल भारतीय वैज्ञानिकों के समूह ने खोजा था कि कोरोनवायरस को एड्स जैसे सम्मिलन के साथ इंजीनियर किया गया था| ग्रेटगेमइंडिया अध्ययन के परिणामों को प्रकाशित करने के बाद, इसकी इस हद तक भारी आलोचना हुई कि लेखकों को अपने पेपर को वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
फौसी ई-मेल से पता चला है कि ये डॉ एंथोनी फौसी खुद थे जिन्होंने भारतीय वैज्ञानिकों को धमकाया था और उन्हें COVID-19 को AIDS वायरस से जोड़ने वाले अपने अध्ययन को वापस लेने के लिए मजबूर किया था।
ट्वीट में, ग्रीन ने लिखा, “अमेरिकी लोग वुहान लैब पर जवाब लेने के अधिकारी हैं और फौसी को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए!”
Today, I sent this letter to Joe Biden to demand an immediate investigation into Anthony Fauci’s lies and his potential involvement in the cover up of the origins of the China virus. The American people deserve answers on the Wuhan lab & Fauci deserves to be held accountable! pic.twitter.com/ka8PdgZrlk
– रेप मार्जोरी टेलर ग्रीन (@RepMTG) 4 जून 2021
2019 में, डॉ. फौसी के नेतृत्व में नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज, द्वारा वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में वित्त पोषित किया गया था| और उसके साथ साथ कुछ अन्य संस्थानो को भी फण्ड किया गया जिन्होंने बैट कोरोनावायरस पर गेन-ऑफ-फंक्शन अनुसंधान पर काम किया|
उस वर्ष की शुरुआत में परियोजना के दूसरे चरण में अतिरिक्त निगरानी कार्य शामिल था| और गेन ऑफ़ फंक्शन अनुसंधान की भी शुरुआत हुई ताकि यह समझा जा सके कि कैसे चमगादड़ कोरोनावारस इंसानों पर हमला करने के लिए उत्परिवर्तित हो सकता है।
इसी तरह का विवादास्पद शोध डच वायरोलॉजिस्ट रॉन फौचियर, द्वारा भी किया गया था जोकि वायरोसाइंस के क्षेत्र में एक विवादास्पद व्यक्ति हैं।
रॉन फाउचियर ने दुनिया का सबसे घातक वायरस स्ट्रेन बनाया और उनके शोध ने इस तरह के प्रयोगों को बंद करने के लिए एक वैश्विक विवाद को जन्म दिया।
विशेषज्ञों ने कानूनी रूप से चिंता जताई है कि इस तरह के प्रयोगों से न केवल वैश्विक महामारी हो सकती है, बल्कि जैव-आतंकवाद भी बढ़ सकता है।
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