हाल ही में टेक्सास सीनेट कमेटी की सुनवाई में यह बात पता चली, कि जानवरों पर किए जा रहे COVID-19 वैक्सीन परीक्षण पर रोक दिया गया था, क्योंकि इससे जानवर लगातार मर रहे थे.
पिछले हफ्ते टेक्सास सीनेट कमेटी ऑन स्टेट अफेयर्स ने टेक्सास के चिकित्सकों से टेक्सास में अनिवार्य टीकाकरण और वैक्सीन पासपोर्ट के बारे में सवाल पूछे और आदेश पारित किया जिसमें सीनेट बिल एसबी 1669: टेक्सास में जबरन टीकाकरण और वैक्सीन पासपोर्ट बंद करने की बात कही गई.
सीनेट की सुनवाई के दौरान एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ जिसमें COVID-19 टीकों से जानवरों के परीक्षण को इसलिए रोक दिया गया क्योंकि इससे जानवर लगातार मर रहे थे।
यहां जानिए 6 मई 2021 को सुनवाई के दौरान क्या खुलासा हुआ
क्या आपने कोई अन्य टीका देखा जिसे पशु परीक्षणों को छोड़ जनता पर पहले लागू किया गया हो?
इससे पहले कभी नहीं देखा ऐसा और खासकर बच्चों के लिए तो बिलकुल नहीं |
और जैसा कि रिपोर्ट में पढ़ा जा सकता है, उन्होंने वास्तव में जब जानवरों पर परीक्षण शुरू किए और चुकी जानवर लगातार मर रहे थे, इसलिए उन्होंने यह सारे परीक्षण बंद कर दिए।
दोस्तों, हमे लगता है कि यहाँ यह समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि हम जिस बारे में बात कर रहे हैं वह की क्या अमेरिकी लोग गिनी पिग है? यह असल में एक परीक्षण कार्यक्रम चल रहा है।
उन्होंने मानव परीक्षण नहीं किया और उन्होंने पशु परीक्षण भी इसलिए रोक दिया क्योंकि जानवर मर रहे थे। और फिर उन्होंने इसे आम जनता पर लागू कर दिया यह कैसा परीक्षण है और इसकी जवाबदेही किसकी बनती है ।
और अब हम ऐसे नियमों से बंधे हुए हैं जहाँ हमारे रोजगार या हमारी नौकरी पेशों के लिए यह टीका अनिवार्य किया जा रहा है|
इस बीच, जर्मन वैज्ञानिकों ने खोज की है कि कैसे AstraZeneca COVID-19 वैक्सीन, लेंने वालों में रक्त के थक्के का कारण बनता है। वे इसमें टीकों के इन बड़े थक्कों को बनाने से पहले शरीर में होने वाली घटनाओं की एक श्रृंखला का वर्णन करते हैं।
@MoHFW_INDIA is issuing advisories to healthcare workers & vaccine beneficiaries to encourage people to be aware of suspected thromboembolic (blood clotting) symptoms occurring within 20 days after receiving any #COVID19 vaccine (particularly Covishield) https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1719293– पीआईबी इंडिया (@PIB_India) 17 मई, 2021
हममें से ज्यादातर लोगों ने महामारी के बाद ही ‘वैक्सीन पासपोर्ट’ के बारे में सुना होगा, जब विभिन्न सरकारों ने दूसरे देशों की यात्रा के लिए या यहां तक कि सार्वजनिक स्थानों पर जाने के लिए ‘वैक्सीन पासपोर्ट’ की आवश्यकता पर जोर देना शुरू किया।
हालाँकि वैक्सीन पासपोर्ट की योजना पर काम महामारी के प्रकोप से 20 महीने पहले ही शुरू कर दी गयी थी. हम जिस रोडमैप के बारे में बात कर रहे हैं वह केवल कुछ दस्तावेज नहीं है जो आपके प्रवेश या आंदोलन को कुछ स्थानों तक सीमित कर देगा।
वे एक संपूर्ण COVID इको-सिस्टम की कल्पना कर रहे हैं, एक ऐसा भविष्य जहां आपके जीवन के प्रत्येक पहलू की निगरानी रखी जाएगी दूसरे शब्दों में कहें तो यह उस भविष्य की कल्पना कर रहे हैं जहाँ हमारा जीवन पूरी तरह से इन दवा कंपनियों के कंट्रोल में होगा।
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